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Sunday, 20 December 2020

December 20, 2020

बेवफाई का तीर-ऐ-तरकश


बेवफाई का तीर-ऐ-तरकश, ये आम हो गया




बेवफाई का तीर-ऐ-तरकश, ये आम हो गया...

जख्मे दिल ऐ तीर के ही, गुनाहगार हो गया....

कहते थे जो, जान भी देंगे इश्क़ में,

मुकरे वही, जब दिल उनका तलबगार हो गया...


खेल है दिल का, ये बाजार बन गया...

दिल ये नुमाइश का, समान बन गया...

छोड़ दे इश्क़, अब तेरे बस का नही ये 'परदेशी',

चंद पल के सुरूर का, ये मदिरापान बन गया.....



Friday, 5 June 2020

June 05, 2020

मंज़िल है मेरी चलना मुझे ही होगा

तो दोस्तो स्वागत है आप सभी का मेरी इस नई पोस्ट में जिसमे मेने एक motivational रचना को पोस्ट किया है जिसे मेने अपने कॉलेज के दिनों में लिखी थी।
पर दोस्तो इसका एक एक शब्द आज भी इसकी वास्तविकता को दर्शाता है और यह बताता है कि कम उम्र में भी यह अच्छी रचना लिखी जा सकती है..
और आज भी जब में उदास होता हु तो ये मुझे motivate करती है। उम्मीद है आप भी इसे पसंद करेंगे,
इसका शीर्षक है :

       " मंज़िल है मेरी चलना मुझे ही होगा "


मंजिल है मेरी चलना मुझे ही होगा,
रहो की मुश्किलो को पार, करना मुझे ही होगा...

मिलेंगे कई दोराहे और चौराहे मुझे,
पर,सही राह को चुनना मुझे ही होगा...
मंज़िल है मेरी, चलना मुझे ही होगा...

आंखों में मंज़िल, मन में धीरज रखना होगा,
मिलेगी मंज़िल, विश्वास करना होगा...

सभी से मिलेंगे कई मार्गदर्शन,
पर, सही मार्ग का दर्शन करना मुझे ही होगा...
मंज़िल है मेरी, चलना मुझे ही होगा....




Saturday, 23 May 2020

May 23, 2020

क्या तब ना मुझको होश था


वक़्त अजीब सा लगता है लोग अजीबोगरीब घर बैठे कर रहा हलतो की तफ्तीश तस्वीरें देख सोचू ये तो मेरा दोस्त था न जाने क्यू छूट गए क्या तब ना मुझ को होश था में कोसू खुदको या आस पास वाले ही खाफी है यहां तो मन की बात रखने की भी मनाही है क्यू लड़ जाता में चोटी बातो पर क्यू कर लेता विश्वाश अफ़्वाओ पर क्या तब ना मुझको होश था क्या तब ना मुझको होश था

Wednesday, 20 May 2020

May 20, 2020

सफलता

     वर्तमान समय ऐसा चल रहा है जिसमे लंबे समय से lockdown होने की वजह से कई  लोग निराशा का कई कारणों से शिकार हो रहे हैै वे अपने आवश्यक काम भी नही कर पा रहे है, 
लेकिन इस समय हम पर जो 'corona' नामक समस्या आन पडी है इससे ना तो डरना है ओर ना ही नकारात्मक विचारो को हमारे मन मे आने देना है।
       बल्कि इस समय का हमें सदुपयोग करना है और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना है लेकिन हमारे सामान्य तरीको से थोड़ा अलग रास्ता चुन कर, ताकि हम सुरक्षित भी रहे और अपने लक्ष्य की प्राप्ति भी कर सके।

   इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज में आपके सामने एक रचना लाया हूं , उम्मीद करता हु ये आपको
Motivet करेगी, ओर साथ ही आप इस रचना को पसंद भी करेंगे। 
इसका शीर्षक है सफलता 


               "सफलता"

सफलता बलिदान मांगती है,
मेहनत का भंडार मांगती है....
परखती है हर कसौटी पर,
हर ताप पर निखार मांगती है....

संकल्पो की दृढ़ता का, 
हर बार प्रमाण मांगती है...
सफलता...
बलिदान मांगती है.....

अयोग्य से योग्य के सफर का,
सबर मांगती है...
लोह से कनक - सा ,
प्रखर मांगती है....
चल जाओ इन रहो के अंत तक,
सफलता फिर आपके चरण माँगती है.....(2)

Saturday, 16 May 2020

May 16, 2020

क्या फर्क है


क्या कर सकता हूं मैं । और क्या कर रहा हूं मैं । फर्क छोटा सा है । या फर्क पड़ता नहीं । अभी तो बैठा हूं । अकेले कोई साथ नहीं । खुद से पूछता । क्या रहेंगे हालात यही । गलतियां मेरी है । या हालातों की गलतियां । फर्क छोटा सा है । या फर्क पड़ता नहीं ।




Friday, 15 May 2020

May 15, 2020

मतलब क्या


नफ़रत है हर गजह,
  तो लोगो से अब मतलब क्या.....
 मतलब के लोग यहां,
  और मतलबी ही हर गजह......
  अब में भी खुद से मतलब रखता,
 ओरो से अब मतलब नहीं......
 मतलबी केहेते मुझको बेमतलब के लोग यहां.........



Thursday, 14 May 2020

May 14, 2020

क्या प्यार में ऐसा होता है

आज में आपके सामने वो रचना लेकर  आ रहा हु , जिसके साथ ही मैंने काव्य रचना के क्षेत्र में पहला कदम रखा था ।
उम्मीद करता हु, मेरी यह पहली रचना आपको पसंद आएगी..


            क्या प्यार में ऐसा होता है


क्या प्यार में ऐसा होता है,
तकलीफ हो मुझे..
चैन उसका खोता है....
क्या प्यार में ऐसा होता है....

उसकी एक मुस्कान पर, 
दिन मेरा बनता है.....
ना हो वो अगर, 
तो कुछ अधूरा-सा लगता है...
और हो अगर तो, सब कुछ ही पूरा लगता है..
क्या प्यार में ऐसा होता है....     (2)

उसके यू ही रूठ जाने पर मनाना,
और ना मानने पर बैचेन हो जाना....
मानते ही दिल का फूला न समाना,
और अगर में रूठ जाऊ.. तो
उसका मुझे मनाना, 
दिल को खुश कर जाता है...
क्या प्यार में ऐसा होता है ......