उम्मीद करता हु, मेरी यह पहली रचना आपको पसंद आएगी..
क्या प्यार में ऐसा होता है
क्या प्यार में ऐसा होता है,तकलीफ हो मुझे..चैन उसका खोता है....क्या प्यार में ऐसा होता है....उसकी एक मुस्कान पर,दिन मेरा बनता है.....ना हो वो अगर,तो कुछ अधूरा-सा लगता है...और हो अगर तो, सब कुछ ही पूरा लगता है..क्या प्यार में ऐसा होता है.... (2)उसके यू ही रूठ जाने पर मनाना,और ना मानने पर बैचेन हो जाना....मानते ही दिल का फूला न समाना,और अगर में रूठ जाऊ.. तोउसका मुझे मनाना,दिल को खुश कर जाता है...क्या प्यार में ऐसा होता है ......
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