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Friday, 5 June 2020

मंज़िल है मेरी चलना मुझे ही होगा

तो दोस्तो स्वागत है आप सभी का मेरी इस नई पोस्ट में जिसमे मेने एक motivational रचना को पोस्ट किया है जिसे मेने अपने कॉलेज के दिनों में लिखी थी।
पर दोस्तो इसका एक एक शब्द आज भी इसकी वास्तविकता को दर्शाता है और यह बताता है कि कम उम्र में भी यह अच्छी रचना लिखी जा सकती है..
और आज भी जब में उदास होता हु तो ये मुझे motivate करती है। उम्मीद है आप भी इसे पसंद करेंगे,
इसका शीर्षक है :

       " मंज़िल है मेरी चलना मुझे ही होगा "


मंजिल है मेरी चलना मुझे ही होगा,
रहो की मुश्किलो को पार, करना मुझे ही होगा...

मिलेंगे कई दोराहे और चौराहे मुझे,
पर,सही राह को चुनना मुझे ही होगा...
मंज़िल है मेरी, चलना मुझे ही होगा...

आंखों में मंज़िल, मन में धीरज रखना होगा,
मिलेगी मंज़िल, विश्वास करना होगा...

सभी से मिलेंगे कई मार्गदर्शन,
पर, सही मार्ग का दर्शन करना मुझे ही होगा...
मंज़िल है मेरी, चलना मुझे ही होगा....




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