Subscribe Us

LightBlog

Best Poems

Thursday 23 April 2020

corona

क्या मानव निर्मित एक ज़ाल हो तुम,
इस सृष्टी पर एक काल हो तुम..
इस अबूझ पहेली को तुम सुलझाओ ना...
क्यो है नाम कोरोना...
 इतना तो बतलाओ ना....

धूल मिली है अर्थव्यवस्था,
कई प्राणों को तुम लील गए....
छोड़ गए सब रिश्ते -नाते,
मिलना-मिलाना छोड़ गए...
हाहाकार.. मचा सृष्टी पर,
अब तो तुम रुक जाओ ना....
क्यो है नाम कोरोना,
इतना तो बतलाओ ना.....

सुने पड़े स्कूल -कॉलेज,
सड़के भी सुनसान है...
तुमसे ज्यादा फैला यहाँ,
तुम्हारा ही अज्ञान है....
अज्ञानता के इस अंधकार में,
ज्ञान की ज्योत जलाओ ना...
क्यो है नाम कोरोना,
इतना तो बतलाओ ना......
                             

No comments: