💖 गीत: “मेरी लाडो, तू मुस्कुराती रहे”
(एक पिता की ओर से अपनी बेटी को समर्पित)
अंतरा 1:
तेरे आने से घर में रोशनी छा गई,
हर कोना जैसे खुशबू से महका वही।
तेरी हँसी में मेरा जहाँ बस गया,
मेरी लाडो, तू तो मेरा मान बन गया।
मुखड़ा:
मेरी लाडो, तू मुस्कुराती रहे,
ज़िन्दगी में सदा खिलखिलाती रहे।
तेरे हर ग़म को मैं खुद पे लूँ,
बस तू सदा खुश नज़र आती रहे।
अंतरा 2:
जब तू सोती है, मैं जागता हूँ रात भर,
सोचता हूँ बस — तेरे आने वाले सफ़र।
तेरे हर कदम पे फूल बिछे रहें,
तेरी आँखों में कभी आँसू न रहे।
मुखड़ा:
मेरी लाडो, तू मुस्कुराती रहे,
तेरे होंठों पे दुआएँ सजती रहें।
तू जहाँ भी रहे, मैं पास रहूँ,
तेरी यादों में मेरी परछाई बसे।
ब्रिज:
ना कह पाया कभी, पर ये सच्चाई है,
तेरे बिना मेरी दुनिया अधूरी है।
तेरा हर सपना मेरा अरमान,
तू ही तो है मेरी पहचान।
आख़िरी मुखड़ा:
मेरी लाडो, तू मुस्कुराती रहे,
तेरे सपनों की ज्योति जलती रहे।
मैं तेरे पीछे साया बनकर रहूँ,
मेरी लाडो, तू बस खिलखिलाती रहे...

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