सच्चा आशिक़ दीपक बन जाता है, खुद तो जलता मगर... जग रोशन कर जाता है... प्रेम से भरा दिल जब टूटता है, तो प्रेम ही बाहर आता है... नफरत कहाँ यह जगह पाता है....
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