न जानूं क्या है आरज़ू मेरी ;
न जानूं किस्से गुफ्तगू मेरी ;
न जानूं होती क्या है दिल्लगी ;
न जानूं उससे दूरियां है क्यू बड़ी;
में न जान पाया कि गलतियां मेरी है क्या ;
न जान पाया कि उसपे क्या गुज़र रहा ;
वो सही में सही अब फर्क नहीं इन बातो का ;
कोसते है खुदको पर दोष था हालातो का ;
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